बेलाल मुस्लिम मिशन

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बिलाल मुस्लिम मिशन (अंग्रेजी में: Bilal Muslim Mission), एक उपदेशात्मक, शैक्षणिक और धर्मार्थ संस्थान, ख़ोजा इसना अशरी शियों से संबद्धित संस्थानों में से एक है। इस संगठन की स्थापना 1968 में तंज़ानिया के शिया नेताओं में से एक सय्यद सईद अख़्तर रिज़वी द्वारा की गई थी, और इसकी गतिविधियों का संचालन केन्या, मेडागास्कर, बुरुंडी के साथ-साथ अमेरिका और कनाडा जैसे अन्य देशों में भी होता है।

बिलाल मुस्लिम संस्थान के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से यह हैं: शहरों और गांवों में मिशनरियों को भेजना, सार्वजनिक सेवाएं जैसे ग़रीब मुसलमानों और ईसाइयों की मदद करना, स्वाहिली और अंग्रेजी भाषाओं में किताबें और पत्रिकाएं प्रकाशित करना, इसी तरह से शिया छात्रों को इस्लामी और शिया विज्ञान पढ़ाना। शिया मराजेए तक़लीद सय्यद मोहसिन हकीम, सय्यद अबुल क़ासिम ख़ूई और सय्यद अली सीस्तानी ने इस संस्था को इमाम के हिस्से का आधा हिस्सा देने पर सहमति व्यक्त की है।

स्थापना और गतिविधि की दायरा

बिलाल मुस्लिम संगठन को 1968 में तंज़ानिया में एक धर्मार्थ संस्था के रूप में पंजीकृत किया गया था। [१] 1964 में, सय्यद सईद अख़्तर रिज़वी ने खोजा इसना अशरी फे़डरेशन ऑफ़ अफ्रीका की सर्वोच्च परिषद के लिए एक प्रचार योजना का प्रस्ताव रखा, हालाँकि इस योजना को उपरोक्त संस्था में स्वीकार नहीं किया गया, लेकिन दारुस सलाम में खोजा इसना अशरी जमाअत ने इसे अपनी प्रचार नीतियों में सबसे ऊपर रखा। और बिलाल मुस्लिम मिशन संस्थान की स्थापना की गई। [२]

बिलाल मुस्लिम मिशन इंस्टीट्यूट का केंद्र तंज़ानिया के शहर दारुस सलाम में है [३] और यह संस्था इस देश के अधिकांश शहरों में संचालित होती है। इसके अलावा, यह केन्या, मेडागास्कर, बुरुंडी, त्रिनिदाद, गुयाना और संयुक्त राज्य अमेरिका के देशों में संचालित होता है। [४] ऐसा कहा जाता है कि तंज़ानिया के केंद्र के बाद इस संस्था की सबसे महत्वपूर्ण शाखा केन्या में स्थित है। [५]

1992 से, इस संगठन की एक शाखा ने संयुक्त राज्य अमेरिका में अपनी गतिविधियाँ शुरू कर दी हैं, और इसने संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में मिशनरी गतिविधियाँ चलायी हैं। [६] गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो के देश संयुक्त राज्य अमेरिका में बिलाल मुस्लिम मिशन की शाखा के गठन तक तंज़ानिया संगठन की गतिविधियों के दायरे में थे।। बिलाल मुस्लिम मिशन अमेरिका की स्थापना के बाद, उल्लिखित देशों को इस संगठन द्वारा कवर किया जाने लगा। [७]

गतिविधियाँ

बिलाल मुस्लिम संगठन की गतिविधियाँ हैं जैसे इस्लामी और शिया पुस्तकें और पत्रिकाएँ प्रकाशित करना, इस्लामी और शिया विज्ञान पढ़ाना, विभिन्न शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मिशनरी भेजना और इसी तरह सार्वजनिक जन सुविधा के कार्य करना:

  • तंज़ानिया, केन्या, मेडागास्कर, बुरुंडी और कांगो जैसे देशों के शहरों और गांवों में मिशनरियों को भेजना। ऐसा कहा गया है कि ये मिशनरियाँ उल्लिखित देशों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में शिया के विस्तार में महत्वपूर्ण कारकों में से एक थीं। इसी तरह से ये मिशनरियाँ विभिन्न देशों के मुस्लिम और ईसाई क़ैदियों के संपर्क में रहते हुए उन्होने उन्हें संस्थान की किताबें और पुस्तिकाएँ प्रदान की हैं। [८]
  • गैर-लाभकारी सेवाएँ: इस संगठन ने ग़रीब मुसलमानों और ईसाइयों के लिए अपनी सेवाएँ दी हैं। इन सेवाओं में शामिल हैं: शहरों और गांवों में अस्थायी चिकित्सा और नेत्र विज्ञान शिविर स्थापित करना, पूर्वी और दक्षिणपूर्व अफ्रीका में कई क्लीनिक स्थापित करना, मलेरिया और एड्स जैसी बीमारियों से लड़ना, स्कूलों और मस्जिदों का निर्माण करना और इसी तरह से भोजन और कपड़े वितरित करना। [९]
  • स्वाहिली भाषा में सौत अल बिलाल और अंग्रेजी में नूर (लाइट) पत्रिकाओं का प्रकाशन: नूर पत्रिका का पहला अंक 1963 में 75 प्रतियों के प्रसार के साथ प्रकाशित हुआ था। सौत अल बिलाल पत्रिका, जिसे पहली बार ख़ोजा शियों में से एक अली दीना ने प्रकाशित किया था, 1967 में तंज़ानिया में बिलाल मुस्लिम मिशन सेंटर को सौंप दी गई थी। [१०]
  • अंग्रेजी और स्वाहिली भाषा में इस्लामी पुस्तकों का प्रकाशन: [११] ये पुस्तकें, संस्थान की पत्रिकाओं के साथ, अमेरिका, कनाडा, गुयाना, भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, थाईलैंड, इंडोनेशिया, आदि में इस्लामी स्कूलों और मस्जिदों में निःशुल्क वितरित की जाती हैं। [१२]
  • शिया छात्रों को इस्लामी और शिया विज्ञान पढ़ाना: यह काम छात्रों के एक समूह को धार्मिक विज्ञान का अध्ययन करने के लिए भेजकर शुरू हुआ। इस समूह ने पहले नजफ़ हौज़ा इल्मिया में अध्ययन किया, फिर इराकी बास पार्टी के शासन के दौरान प्रतिबंधों के कारण उन्हें लेबनान भेज दिया गया और फिर वे क़ुम के हौज़ा इल्मिया से जुड़ गए। लौटने के बाद, यह समूह तंज़ानिया और केन्या में बिलाल मुस्लिम मिशन स्कूलों के पहले मूल शिक्षक बने और उन्होने इस्लामी विज्ञान पढ़ाना शुरू कर दिया। [१३] तंज़ानिया और केन्या में बोर्डिंग स्कूल स्थापित करने के अलावा, इस संस्था ने इच्छुक मुसलमानों के लिए इस्लामी विज्ञान में एक पत्राचार पाठ्यक्रम भी शुरू किया है, जिसमें इस्लाम का इतिहास, मासूमीन (अ) के जीवन, इस्लामी नैतिकता और शिया धर्म की शिक्षाएं पढ़ाना शामिल है। [१४] इंटरनेट के प्रसार के साथ इन पाठ्यक्रमों का ऑनलाइन अनुसरण किया जाता है। [१५]

अनुदान

शिया एटलस पुस्तक में रसूल जाफ़रियन के अनुसार, बिलाल मुस्लिम मिशन अन्य चीज़ों के अलावा, रियल एस्टेट में निवेश करके अपने ख़र्चों को पूरा करता है। [१६] इसके अलावा, शिया मराजेए तक़लीद का एक समूह इस संस्था को इमाम के हिस्से का एक हिस्सा देने पर सहमत हुआ है; जिनमें सय्यद मोहसिन हकीम, सय्यद अबुल क़ासिम ख़ूई और सय्यद अली सीस्तानी शामिल हैं। [१७]

फ़ुटनोट

  1. अरब-अहमदी, ख़ोजा इसना अशरी शिया दर गुसतरा ए जहान, 2009, पृष्ठ 174; रंजबर शिराज़ी, तंजानिया के शिया, 2013, पृष्ठ 76; रोगानी, शीयाने ख़ोजा दर आईना ए तारीख़, 2007, पृष्ठ 15-16।
  2. अरब-अहमदी, ख़ोजा इसना अशरी शिया दर गुसतरा ए जहान, 2009, पृष्ठ 173-174।
  3. अमिनी, तंजानिया, 1375, पृ. 20-23।
  4. अरब-अहमदी, ख़ोजा इसना अशरी शिया दर गुसतरा ए जहान, 2009, पृष्ठ 175।
  5. अरब-अहमदी, ख़ोजा इसना अशरी शिया दर गुसतरा ए जहान, 2009, पृष्ठ 181।
  6. अरब-अहमदी, ख़ोजा इसना अशरी शिया दर गुसतरा ए जहान, 2009, पृष्ठ 184।
  7. अरब-अहमदी, ख़ोजा इसना अशरी शिया दर गुसतरा ए जहान, 2009, पृष्ठ 184-185।
  8. अरब-अहमदी, ख़ोजा इसना अशरी शिया दर गुसतरा ए जहान, 2009, पृष्ठ 179।
  9. अरब-अहमदी, ख़ोजा इसना अशरी शिया दर गुसतरा ए जहान, 2009, पृष्ठ 180।
  10. रोग़नी, शीयाने ख़ोजा दर आईना ए तारीख़, 2007, पृष्ठ 19।
  11. रोग़नी, शीयाने ख़ोजा दर आईना ए तारीख़, 2007, पृष्ठ 19।
  12. अरब-अहमदी, ख़ोजा इसना अशरी शिया दर गुसतरा ए जहान, 2009, पृष्ठ 176।
  13. अरब-अहमदी, ख़ोजा इसना अशरी शिया दर गुसतरा ए जहान, 2009, पृष्ठ 176; रंजबर शिराज़ी, तंजानिया के शिया, 2014, पृष्ठ 78।
  14. अरब-अहमदी, ख़ोजा इसना अशरी शिया दर गुसतरा ए जहान, 2009, पृष्ठ 177।
  15. अरब-अहमदी, ख़ोजा इसना अशरी शिया दर गुसतरा ए जहान, 2009, पृष्ठ 178।
  16. जाफ़रियान, शिया एटलस, 1391, पृष्ठ 557।
  17. अरब-अहमदी, ख़ोजा इसना अशरी शिया दर गुसतरा ए जहान, 2009, पृष्ठ 174।

स्रोत

  • अमीनी, रहीम, तंज़ानिया, तेहरान, राजनीतिक और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन ब्यूरो, 1375 शम्सी।
  • जाफ़रियान, रसूल, शिया एटलस, तेहरान, भौगोलिक संगठन प्रकाशन, 1391 शम्सी।
  • रंजबर शिराज़ी, रूहुल्लाह, तंजानिया के शिया, क़ुम, शिया अध्ययन संस्थान, 1391 शम्सी।
  • रोग़नी, ज़हरा, शीयाने ख़ोजा दर आईना ए तारीख़, तेहरान, मानविकी और सांस्कृतिक अध्ययन अनुसंधान संस्थान, 1387 शम्सी।
  • अरब-अहमदी, अमीर बहराम, ख़ोजा इसना अशरी शिया दर गुसतरा ए जहान, क़ुम, इंस्टीट्यूट ऑफ शिया स्टडीज, 1389 शम्सी।